आज साहेब के ऑफिस में सबने झाड़ू उठायी
मजबूरी से या आर्डर से
करने चले सफाई
बापू की याद में
हम सब देंगे योगदान
श्रद्धांजलि देने की इस होड़ में
क्यूँ ना बढ़ाये अपना भी ज़रा सा मान
पर जब आया घर से फ़ोन
और पता चला आज के प्रोग्राम का
“Bang Bang “ के बाद बाहर डिनर भी है कराना
तो साहेब भागे घर को
ट्रैफिक में नहीं है फस जाना
बढ़ती population से अब होने
लगी है कोफ़्त
इसीलिए तो बीवी से कहता हूँ
रिटायरमेंट के बाद बसेंगे कहीं और
रेड सिग्नल पर कार की खिड़की
किसी ने खटखटायी
नीचे जो किया शीशा तो 10-
20 बच्चों की वानर सेना दौड़ कर आयी
एक से लेना चाहा फूल ,
रूपये निकाले 100 के
छीना झपटी के बीच बापू फिरे
इधर से उधर ,एक हाथ से दूसरे मटमैले हाथ में
तभी एक औरत आयी लेकर बच्चा
गोद में
चार दिन से कुछ खाया नहीं
,कहने लगी बिना संकोच के
गाडी की साहेब ने स्टार्ट
,कहाँ से आते है यह भिखारी
अच्छे खासे तो हैं क्यों
नहीं करते कोई मजदूरी
नरेगा में ही कुछ करे तो
चार पैसे आयेंगे हाथ में
जैसे ही हुआ सिग्नल ग्रीन
सांस ली साहेब ने
शहर चौंधिया रहा था माल्स
के दुधीले प्रकाश में
पीछे छूट गए थे वो भूखे
नंगे भिखारी
और बापू मुस्कुरा रहे थे
गाँधी जयंती के बिलबोर्ड्स से..................................सहर
never retreat to be successful
ReplyDeletepeluang usaha di jonggol bogor
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